पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में ‘लोक संगीत महोत्सव’ आयोजित किया गया, जिसमें बांग्ला लोकगीत, ढुँगुरली, भेलपुरिया और आदिवासी धुनें गायी गईं। यह आयोजन पारंपरिक संस्कृति को संरक्षित करने और ग्रामीण युवाओं में सांस्कृतिक गौरव जगाने के उद्देश्य से किया गया। संगीतकारों के साथ साथ क्वीन्स और लोक नर्तकों ने भी अपने नृत्य से उत्सव को चार चाँद लगाए। राज्य सरकार ने इसे वार्षिक महोत्सव घोषित कर दिया है।